विशेष विद्यालय

दिव्यांगजन को शिक्षा प्रदान करने हेतु विभाग द्वारा विशेष विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है:-

  • क- प्री-प्राइमरी शिक्षा हेतु बचपन डे केयर सेन्टर्स का संचालन।
  • ख- दिव्यांगता की श्रेणी के अनुरूप प्रयास विद्यालय (चलनक्रिया दिव्यांगता हेतु), ममता विद्यालय (मानसिक मंदित हेतु), संकेत विद्यालय (मूक बधिर छात्रों हेतु ) तथा स्पर्श विद्यालय (दृष्टिबाधित छात्रों हेतु) का संचालन।
  • ग- समावेशी शिक्षा (विकलांग छात्रों एवं सामान्य छात्रों) के अन्तर्गत इण्टरमीडिएट कालेज (कक्षा-6 से 12 तक) की स्थापना की जा रही है।
  • घ- उच्च शिक्षा हेतु डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का संचालन।

1- संकेत (राजकीय मूक बधिर विद्यालय) लखनऊ,आगरा ,बरेली, फर्रूखाबाद, गोरखपुर:

लखनऊ,बरेली, फर्रूखाबाद, आगरा, गोरखपुर में एक-एक विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में श्रवण यंत्र की सहायता से छात्रों को शिक्षा दिये जानें के साथ-साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। लखनऊ,बरेली तथा फर्रूखाबाद में जूनियर हाईस्कूल स्तर तक की शिक्षा प्रदान की जाती है। बरेली में आवासीय छात्र संख्या 120 तथा अनावासीय छात्र संख्या 220 (कुल 340) है। फर्रूखाबाद की आवासीय छात्र क्षमता -60 तथा अनावासीय छात्र क्षमता-40 है (कुल 100) तथा लखनऊ की आवासीय क्षमता 100 छात्र है। आगरा एवं गोरखपुर में हाईस्कूल स्तर तक की शिक्षा देने की व्यवस्था हे। आगरा की आवासीय छात्र क्षमता 50 तथा अनावासीय छात्र क्षमता 100 (कुल 150) तथा गोरखपुर में आवासीय सुविधा उपलबध नही है अनावासीय छात्र क्षमता 100 है। छात्र/छात्राओं को आवासीय सुविधा के साथ-साथ रू0 2000/- प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति/छात्रवेतन दिया जाता है।
विद्यालयों की संख्याआवासीय/अनावसीयस्वीकृत क्षमता2015-162016-172017-18 (लक्ष्य)
05आवासीय330241252330
अनावसीय460261344460
योग790502596790

  स्पर्श (बालक /बालिकाओं के लिये राजकीय दृष्टिबाधित विद्यालय) लखनऊ, गोरखपुर, बाँदा, सहारनपुर, मेरठ

लखनऊ/गोरखपुर में बालकों/बालिकाओं के लिए एक-एक, बांदा एवं मेरठ में बालकों हेतु एक-एक इण्टर कालेज संचालित है। जनपद सहारनपुर में बालिकाओं हेतु हाईस्कूल स्तर तक का विद्यालय संचालित है, जिसकी आवासीय छात्र क्षमता 75 तथा अनावासीय छात्र क्षमता 25 है। इन विद्यालयों में ब्रेल पद्वति के माध्यम से निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। छात्र/छात्राओं को आवासीय सुविधा के साथ-साथ प्रति छात्र/छात्रा रू0 2000/- प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति/छात्रवेतन दिया जाता है, तथा अनावसीय छात्र/छात्राओं को घर से विद्यालय तक आने जाने हेतु निःशुल्क बस सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इन विद्यालयों में स्वीकृत क्षमता के सापेक्ष लाभान्वितों का वर्षवार विवरण निम्नवत् है:
विद्यालयों की संख्याआवासीय/अनावसीयस्वीकृत क्षमता2015-162016-172017-18 (लक्ष्य)
07आवासीय875594613875
अनावसीय1758994175
योग10506837071050

ममता (मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त बालकों/बालिकाओं का राजकीय विद्यालय) लखनऊ तथा इलाहाबाद।

प्रदेश में मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त बालकों/बालिकाओं के लिए एक-एक विद्यालय क्रमशः लखनऊ तथा इलाहाबाद में संचालित है। इन विद्यालयों में बालकों एवं बालिकाओं को मनोवैज्ञानिक पद्धति से निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है । प्रत्येक विद्यालय की आवासीय छात्र क्षमता 50-50 है। इन विद्यालयों में संवासियों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने की दृष्टि से व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उनके भरण पोषण पर शासन द्वारा 2000/- रू0 प्रति माह प्रति संवासी की दर से व्यय किया जाता है। विद्यालयों में लाभान्वित छात्रों की वर्षवार संख्या निम्न प्रकार है:
विद्यालयों की संख्याआवासीय/अनावसीयस्वीकृत क्षमता2015-162016-172017-18 (लक्ष्य)
02आवासीय1005140100
अनावसीय0000
योग1005140100

प्रयास (शारीरिक रूप से अक्षम बालकों का लिये राजकीय विद्यालय) लखनऊ, प्रतापगढ-

शारीरिक रूप से अक्षम बालकों के लिये प्रतापगढ तथा लखनऊ में एक-एक विद्यालय संचालित है। प्रत्येक विद्यालय की छात्र क्षमता 50-50 बालकों की है। इन विद्यालयों में हाईस्कूल स्तर तक की निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है। आवासीय सुविधा के साथ भरण पोषण हेतु रू0 2000/- प्रतिमाह प्रति छात्र दिया जाता है । इन विद्यालयों में लाभान्वित छात्रों का वर्षवार विवरण निम्न प्रकार है:
विद्यालयों की संख्याआवासीय/अनावसीयस्वीकृत क्षमता2015-162016-172017-18 (लक्ष्य)
02आवासीय1006665100
अनावसीय0000
योग1006665100

उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले दृष्टिबाधित छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावासों का संचालन लखनऊ गोरखपुर, इलाहाबाद एवं मेरठ।

दृष्टिबाधित छात्र/छात्राओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्र से इण्टरमीडिएट की शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये अनेक कठिनाईयों का सामाना करना पड़ता है, के दृष्टिकोण से उन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण करने के समय आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु लखनऊ/गोरखपुर में छात्र/छात्राओं हेतु एक-एक, इलाहाबाद/मेरठ मे छात्रों हेतुं एक-एक कुल छः छात्रावासों की स्थापना की गयी है। प्रत्येक छात्रावास की स्वीकृत क्षमता 200-200 है।

निराश्रित मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र बरेली, गोरखपुर एवं मेरठ:-

शिक्षण केन्द्रों की स्थापना की गयी है। इन केन्द्रों की आवासीय क्षमता 50-50 है। इन केन्द्रों में मानसिक मंदित दिव्यांग जन को प्रवेश देकर उनकों आश्रय प्रदान किये जाने के साथ साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वावलम्बी बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा।
विद्यालयों की संख्याआवासीय/अनावसीयस्वीकृत क्षमता2015-162016-172017-18 (लक्ष्य)
03आवासीय15099109150
अनावसीय00500
योग150104109150

अमरावती पुरूषोत्तम बहुउद्देशीय दिव्यांग सशक्तीकरण संस्थान वाराणसी का संचालनः-

इस संस्थान में सभी श्रेणी के दिव्यांग जन हेतु जनपद वाराणसी में अमरावती पुरूषोत्तम बहुउद्देशीय दिव्यांग सशक्तीकरण संस्थान संचालित है इस संस्थान में मानसिक मंदित दिव्यांग जन को आवासीय सुविधा के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान कर स्वावलम्बी बनाये जाने का कार्य प्रदान किया जाता है।

मनोविकास केन्द्र, गोरखपुर:-

गोरखपुर मण्डल में जापानी इन्सेफलाइटिस से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वासन हेतु जनपद गोरखपुर के बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज के आरोग्य भवन में मनोविकास केन्द्र संचालित है। इस मनोविकास केन्द्र में जापानी इंसेफलाइटिस से ग्रसित दिव्यांगजन को आई0क्यू0 असेसमेन्ट, आक्यूपेशनलथिरेपी यूनिट, फिजियोथैरेपी यूनिट, आडियोलाजी यूनिट, व्यावसायिक प्रशिक्षण यूनिट, काउन्सिलिंग एवं सोशल एजूकेशनल यूनिट के माध्यम से पुनर्वास सेवायें एवं सुविधायें प्रदान की जा रही है।

बचपन डे केयर की स्थापना एवं संचालनः-

सर्व शिक्षा अभियान से प्राप्त करायी गयी धनराशि से जनपद लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी (प्रत्येक 60 बच्चों की क्षमता) आगरा, सहारनपुर, झाँसी, बरेली, गौतमबुद्धनगर (प्रत्येक 30बच्चों हेतु) में बचपन डे केयर सेन्टर संचालित किये गये थे। वर्ष 2008-09 तक इन केन्द्रों का संचालन सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत किया गया था, तदोपरान्त वर्ष 2009-10 से दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग द्वारा उक्त योजना को विभागीय बजट से संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया। बचपन डे केयर सेन्टर में मानदेय पर समन्वयक तथा विशेष अध्यापकों की व्यवस्था हैं तथा इसके अतिरिक्त प्रत्येक सेन्टर पर 1-1 फिजियोथिरेपिस्ट, साइकोकाउन्सलर, स्पीच ट्रेनर/विशेषज्ञों की सेवायें प्रति विजिट के आधार पर तथा अटेन्डेन्ट, आया, सफाई कर्मी, चैकीदार की सेवायें मानदेय के आधार पर ली जा रही हैं। इन सेन्टर्स में 03 से 07 वर्ष तक के विकलांग बच्चों को शिक्षण/प्रशिक्षण के साथ-साथ अवागमन की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करते हुये सामान्य विद्यालयों में शिक्षण प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षित किया जाता है। नवीन बचपन नर्सरी केन्द्रों की स् थापना हेतु रू0 200.00 लाख के प्राविधान के सापेक्ष प्रदेश के 10 मण्डल मुख्यालय के जनपदों यथा अलीगढ़, चित्रकूट, मुरादाबाद, मिर्जापुर, बस्ती, आजमगढ़, कानपुर नगर, फैजाबाद, गोण्डा तथा गोरखपुर में बचपन डे केयर सेन्टर खोले जाने कार्यवाही की जा रही है।

समेकित विद्यालयों की स्थापना:-

  • समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक विभिन्न विकलांगताओं (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं अस्थिबाधित) से गृसित छात्र-छात्राओ के अतिरिक्त सामान्य छात्र-छात्राओं को एक छत के नीचे एक साथ शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु कुल 07 कक्षाएं संचालित किया जाना है।
  • समेकित विद्यालय में विकलांग जनों के बाधारहित वातावरण की आधुनिकतम तकनीकी व्यवस्था के साथ माडल स्कूल पद्धति के अनुसार शिक्षा प्रदान किया जाना।
  • वर्तमान में प्रदेश के 12 जनपदों यथा-औरैया, कन्नौज, इलाहाबाद, लखनऊ, आजमगढ़, बलिया, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, एटा, मिर्जापुर, महाराजगंज एवं प्रतापगढ़ में निर्माणाधीन है।

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