Wednesday, May 28, 2025

प्रवेश प्रारंभ जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट उत्तर प्रदेश

 विद्यार्थी जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं वे Jrdu Chitrakoot अर्थात् जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट उत्तर प्रदेश आवेदन कर सकते हैं। अब अपने विश्वविद्यालय में सभी विद्यार्थियों (सामान्य तथा दिव्यांग) के लिए सुनहरा अवसर है। 

दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए बाधारहित परिवेश तथा उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है। कोर्स और फीस की जानकारी के लिए नीचे के चित्रों को देखें 👇











Sunday, May 25, 2025

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं एवं प्रोत्साहन


दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापरक समावेशी शिक्षा प्राप्त करने हेतु शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अनेक प्रकार की प्रोत्साहन / सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। इन प्रोत्साहन / सुविधाओं को अनेक गतिविधियों का कियान्वयन कर दिव्यांग बच्चों को उपलब्ध कराया जाता है। इनमें से मुख्य प्रोत्साहन / सुविधाएँ निम्नलिखित हैं-

1-  विशेष शिक्षक  / Special Educators 

    पूर्ण दृष्टि दिव्यांग, श्रवण दिव्यांग, बौद्धिक दिव्यांग बच्चों एवं अन्य दिव्यांग बच्चों को शैक्षिक सहयोग  प्रदान किये जाने हेतु विशेष शिक्षकों की व्यवस्था की गयी है।

2- मेडिकल एसेसमेंट कैम्पः-

    दिव्यांग बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं का पता लगाने तथा उनके प्रमाणीकरण हेतु ब्लाक / तहसील स्तर पर मेडिकल एसेसमेण्ट कैम्प आयोजित किये जाते हैं। मेडिकल बोर्ड की टीम (ई०एन०टी० सर्जन, आई० सर्जन, आर्थोपेडिक सर्जन, साइक्लोजिस्ट व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी) के द्वारा विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों का चिकित्सीय परीक्षण किया जाता है। इन बच्चों में से चिन्हित बच्चों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र (UDID Card) उपलब्ध कराया जाता है।

3- मेजरमेंट एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन कैम्पः-

    दिव्यांग बच्चों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप सहायक उपकरण / यत्र उपलब्ध कराये जाने हेतु एलिम्को, कानपुर के सहयोग से मापन एवं वितरण कैम्प ब्लाक/तहसील स्तर पर आयोजित किये जाते है। मेजरमेंट कैम्प में  किस दिव्यांग बच्चे को किस उपकरण की आवश्यकता है, उसको चिन्हित कर लिया जाता है। मेजरमेंट कैम्प में चिन्हित दिव्यांग बच्चों को डिस्ट्रीब्यूशन कैम्प में सहायक उपकरण/यंत्र उपलब्ध कराये जाते है

4- सहायक उपकरण/यंत्र का वितरणः-

    एडिप योजना के अन्तर्गत एलिम्को, कानपुर के सहयोग से दिव्यांग बच्चों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप डिस्ट्रीब्यूशन कैम्प में चिन्हित दिव्यांग बच्चों को विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरण / यंत्र यथा-ट्राईसाइकिल, व्हील चेयर, क्रचेज, कैलीपर्स, रोलेटर्स वाकिंग स्टिक, सी०पी० चेयर, ब्रेल किट्स, मोबिलिटी केन, स्मार्ट केन, मल्टी सेन्सरी एजूकेशन किट एवं हियरिंग एड आदि उपलब्ध कराये जाते हैं।

5- सुगम्य वर्कशीटसः-

    दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में समावेशन कर उनके अधिगम स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए अन्य बच्चों की तरह दिव्यांग बच्चों को भी निपुण सूची/लर्निंग आउटकम्स की प्राप्ति करायी जानी है। इस हेतु समग्र शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा कक्षा 1-8 तक के दिव्यांग बच्चों (पूर्ण दृष्टि दिव्यांग बच्चों के अतिरिक्त) के लिए हिन्दी एवं गणित विषय की सुगम्य वर्कशीटस का वितरण कराया जाता है।

6- गम्भीर / बहु-दिव्यांग बच्चों हेतु होम बेस्ड एजूकेशनः-

    ऐसे बच्चे जो गंभीर दिव्यांगता/बहु-दिव्यांगता के कारण किसी भी परिस्थिति में विद्यालय नहीं आ सकते हैं, उन्हें घर पर ही होम बेस्ड एजूकेशन कार्यक्रम के अंतर्गत स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा सपोर्ट प्रदान किया जाता है। इन बच्चों के शिक्षण प्रशिक्षण हेतु विशिष्ट अधिगम सामग्री भी उपलब्ध करायी जाती है।

7- ब्रेल / इनलार्ज प्रिंट पाठ्य पुस्तकों का वितरण :-

    पूर्ण दृष्टि दिव्यांग बच्चों को स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा ब्रेल पठन / लेखन में सपोर्ट प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों को भी बड़े छापे की पुस्तकों द्वारा पढ़ने में सपोर्ट दिया जाता है। पूर्ण दृष्टि दिव्यांग बच्चों को ब्रेल पाठ्य पुस्तके तथा अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों को एन्लार्ज प्रिंट पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी है।

8- ब्रेल स्टेशनरी मैटेरियल्स व लो विजन किटः-

    पूर्ण दृष्टि दिव्यांग बच्चों में ब्रेल साक्षरता के विकास तथा ब्रेल पठन व लेखन हेतु ब्रेल स्टेशनरी मैटेरियल्स उपलब्ध कराये जाते है। इसी प्रकार अल्प दृष्टि दिव्यांग बच्चों को लो विजन किट उपलब्ध करायी जाती है। जिससे वह सुगम्यता से पठन व लेखन कार्य कर सकें।

9- दिव्यांग बालिकाओं को स्टाइपेण्ड :-

    परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग बालिकाओं को बेहतर शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं उनका सश्क्तीकरण करने हेतु पात्र दिव्यांग बालिकाओं को स्टाइपेण्ड के रूप में रू 200/- रूपये दो सौ प्रतिमाह की दर से कुल 10 माह हेतु 2000/- धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से प्रदान की जाती है।

10- एस्कॉर्ट एलाउन्स :-

    परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में पंजीकृत ऐसे गम्भीर / बहु-दिव्यांग विद्यार्थी जो स्वयं विद्यालय नहीं आ सकते हैं परन्तु वह अपने अभिभावकों या भाई-बहनों आदि के साथ अध्ययन हेतु विद्यालय आते हैं, तो इन दिव्यांग विद्यार्थियों को एस्कॉर्ट एलाउन्स के रूप में रू 600/- रूपये छः सौ प्रतिमाह की दर से कुल 10 माह हेतु 6000/- धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से प्रदान की जाती है।


Saturday, June 15, 2024

एकाकी परिवार में आत्मीयता का अकाल

यह सभी जानते हैं कि एकाकी परिवार में जीवन और भविष्य निश्चित नहीं है तथा सुख-सुविधाएँ भी उतनी नहीं प्राप्त हो सकेंगी, फिर भी क्यों युवक और युवतियाँ जितनी जल्दी हो सके, अपने माता-पिता, भाई-बहनों, सास-ननद तथा देवर-जेठों से अलग होने की इच्छा करने लगते हैं? उत्तर स्पष्ट है कि जीवन के समस्त सुख और ऐश्वर्य अकेले भोगने तथा वृद्धों के प्रति अश्रद्धा एवं उपेक्षा का भाव होने के कारण ही इस इच्छा का जन्म होता है। परंतु परिवार से अलग होते ही जो परेशानियाँ और कठिनाइयाँ भोगनी पड़ती हैं, उनके फलस्वरूप जीवन भार लगने लगता है और पारिवारिक जीवन में कटुता के अंकुर फूटने लगते हैं।

एकाकी परिवार में महिलाओं की व्यस्तता बढ़ जाती है। सम्मिलित सब स्वजनों के साथ रहने पर घर की आंतरिक व्यवस्था परिवार के सभी सदस्य मिल-जुलकर कर लेते हैं। जबकि केवल पति-पत्नी के साथ रहने पर सारी व्यवस्था का दायित्व अकेली पत्नी पर ही आ जाता है। व्यस्त जीवन में बच्चों पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा सकता। वह प्रेम और ममत्व जो पिता व माता से मिलना चाहिए था; उसमें कमी आ जाती है।



फलस्वरूप बालक का मानसिक विकास वैसा नहीं हो पाता- जो सम्मिलित परिवार में संभव था। वहाँ पिता का प्यार तो मिलता ही, दादा- दादी, चाचा-चाची, ताऊ ताई का स्नेह और मार्गदर्शन भी उसके चतुर्मुखी विकास में सहायक सिद्ध होता। यही कारण है कि आज एकाकी परिवार के बच्चे प्रायः कुंठाग्रस्त देखे गए हैं।

महिलाओं और पुरुषों में वृद्धों के प्रति अवमानना और अविश्वास का भाव तो इस कदर बढ़ रहा है कि वे अपने बच्चों के लिए नौकरों और बाहर के व्यक्तियों पर विश्वास कर लेंगे, परंतु घर के वृद्ध स्त्री-पुरुषों पर नहीं। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि नौकर या बाहर का व्यक्ति पारिवारिक या किसी स्वार्थवश बच्चों की देख-रेख और सार-सँभाल भले ही कर दे, परंतु उसके साथ आत्मीयता और प्यार की जो खुराक बालकों को मिलनी चाहिए उससे उन्हें वंचित ही रह जाना पड़ता है। आज के समय में दूसरों के बच्चों को शायद ही कोई भावभरे हृदय से दुलारता हो। जब व्यक्ति को अपने सहोदर भाइयों की संतानें भी फूटी आँख नहीं सुहाती तो औरों के बच्चों को वह क्या प्यार दे सकेगा। देख-रेख और अन्य बातों का ध्यान जितनी कुशलता से, आत्मीयता से घर

की अनुभवी वृद्ध महिलाएँ कर सकती हैं, उतनी आत्मीयता अन्यत्र कहीं मिल पाना असंभव है। यह विज्ञान सिद्ध तथ्य है कि ममत्व और प्रेम की छाया में पला-पनपा बालक चरित्र, क्रियाशीलता, परिश्रम और देश-प्रेम की भावनाओं से ओत-प्रोत होता है।

विघटन के कारण

दंपती अक्सर संकीर्ण भावना के शिकार होकर एकाकी परिवार बसाते हैं। परिवार में छोटा भाई ज्यादा कमाता हो और बड़ा कम तो छोटे भाई और उसकी पत्नी में यह भाव उठता है कि भैया तो हमसे बहुत कम कमाते हैं, फिर भी वे हमारे बराबर सुख-सुविधाओं का लाभ उठाते हैं। हमारी कमाई पर हमारा ही अधिकार है। उसमें किसी भी प्रकार दूसरे को लाभ नहीं उठाना चाहिए। यह संकीर्ण और ओछा विचार दिनोंदिन स्थायी होता चलता है। अंततः परिवार में विघटन पैदा हो जाता है। लेकिन जिस उद्देश्य से पति-पत्नी अलग हुए थे, वे उद्देश्य कदाचित् ही पूरे होते हैं। अलग मकान लेने पर मकान का किराया, ईंधन, तेल, बिजली आदि अन्य दूसरे खरच इतने अधिक अतिरिक्त पड़ते हैं कि पहले जितनी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हो पातीं। इस विचार के स्थान पर सोचा जाता, पति- पत्नी एकदूसरे को इस प्रकार समझाते कि हमारी कमाई का लाभ उठा रहा है तो उसमें अनुचित क्या है ? आखिर वह तो अपना ही है तो कितना अच्छा होता। आगे बढ़ने वाली आवश्यकताओं और व्यय की कल्पना कर स्वयं को लाभ में मानकर संतुष्ट रहा जा सकता था।

परिवार, समाज और राष्ट्र की इकाई है। यदि इस संस्था में ही आत्मीयता और सहयोग नहीं बढ़ सका, तो समाज में सामूहिकता और सुराज की कल्पना दिवास्वप्न ही बनकर रह जाएगी। युवा दंपत्तियों को भी और प्रौढ़ पुरुष- महिलाओं को भी एकाकी परिवार बसाते समय इन तथ्यों की ओर ध्यान देना चाहिए। सोचना चाहिए कि जैसा व्यवहार हम आज अपने माता- पिता से कर रहे हैं, वैसा हमारी संतान हमसे करे तो अपने हृदय पर क्या बीतेगी ? यह कल्पना या मन बहलाव की बात नहीं, एक सच्चाई है;

क्योंकि ऐसे अभिभावक अपनी संतान को सहयोग-सहकार के संस्कारों से संस्कारित करते हैं। परिवार को टूटने से बचाया जा सके और सम्मिलित परिवार को सामयिक एवं वैयक्तिक परिस्थितियों के अनुसार किसी भी रूप से जीवित रखा जा सके, तभी आदर्श समाज की रचना संभव होगी।

साभार : युग निर्माण योजना पेज नंबर 13,14  मई 2024 

Wednesday, May 24, 2023

दिव्यांग चेतना मंच से जुड़े, Divyang Chetna Manch @dcmup

क्या आप एक दिव्यांग हैं ?

तो आज ही दिव्यांगों से संबंधित शिक्षा, रोजगार, योजनाएं, विशेषज्ञों द्वारा परामर्श एवं मार्गदर्शन, कैप आदि की जानकारियां प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए दिव्यांग चेतना मंच के सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़े और लाभान्वित हों। ♿

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Tuesday, May 23, 2023

Railway concession form pdf

 रेलवे कन्सेशन फॉर्म की पीडीऍफ़  डाऊनलोड करने के लिए नीचे क्लिक करें 

👇

railway concession form  

Sunday, February 5, 2023

दिव्यांगज़न अपने पुराने वाहनों को बिना ढांचागत परिवर्तन कराए दिव्यांगज़न श्रेणी में पंजीकरण कराने के संबंध में आदेश

सभी दिव्यांगज़न अपने पुराने वाहनों को बिना ढांचागत परिवर्तन कराए दिव्यांगज़न श्रेणी में पंजीकरण अथॉरिटी से करा लें ताकि वे टोल टैक्स आदि लाभ ले सकें।

All Divyangjan should change their vehicles in Divyangjan category so as to avail all benefits without converting them Adapted https://t.co/Yu4ZztfZOH


 

Thursday, January 12, 2023

विकलांग रेलवे पास का नवीनीकरण कैसे कराएं ?

 🔴 विकलांग रेलवे पास का नवीनीकरण कैसे कराएं ?

🔵 विकलांग रेलवे फोटो आईडी कार्ड का रिन्यूअल कैसे कराएं ?


प्रक्रिया जानने के लिए देखें पूरा वीडियो 👇👇

#railwayPass 

#निःशुल्क यात्रा

#रेलवे पास


https://youtu.be/7GfCPBfbPxg


Saturday, January 7, 2023

खुशखबरी, उत्तर प्रदेश में दिव्यांग पेंशन में बढ़ोत्तरी

 खुशखबरी, उत्तर प्रदेश में दिव्यांग पेंशन में बढ़ोत्तरी

जानने के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें -

https://youtu.be/5FHoY8trr3I




विकलांग रेलवे पास कैसे बनता है ? 2023 Railway Handicapped concession pass 2023

 Railway Handicapped concession pass 2023 || विकलांग रेलवे पास कैसे बनता है ? 2023

जानने के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें -

https://youtu.be/G0QuRfjJ9-A



दिव्यांगों की रोडवेज बस में निःशुल्क यात्रा के नए नियम

 दिव्यांगों की रोडवेज बस में निःशुल्क यात्रा के नए नियम-

जानने के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें -

https://youtu.be/O9IPTCBq29k




विकलांग प्रमाणपत्र ऑनलाइन कैसे बनवाएं ? online दिव्यांग प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं ?

 विकलांग प्रमाणपत्र ऑनलाइन कैसे बनवाएं ? online दिव्यांग प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं ?

जानने के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें -

https://youtu.be/--gyCWWKAz0

Monday, January 10, 2022

विभिन्न राज्यों में मिलनें वाली दिव्यांग पेंशन

विभिन्न राज्यों में मिलनें वाली दिव्यांग पेंशन का विवरण- 1. दिल्ली- 2500 रूपये प्रतिमाह। 2 . हरियाणा- 2500 रूपये प्रतिमाह 3. राजस्थान- 750 रूपये प्रतिमाह 4. महाराष्ट्र- 1000 रूपये प्रतिमाह 5. हिमाचल प्रदेश-750 से 1500 रूपये प्रतिमाह 6. उतराखण्ड- 1500 रूपये प्रतिमाह 7. उत्तर प्रदेश- 1000 रूपये प्रतिमाह 8. मध्यप्रदेश- 600 रूपये प्रतिमाह 9. छत्तीसगढ़- 350 रूपये प्रतिमाह 10. बिहार- 400 रूपये प्रतिमाह 11. असम- 1000 रूपये प्रतिमाह 12. गुजरात- 600 रूपये प्रतिमाह 13. पंजाब- 1000 रूपये प्रतिमाह

Saturday, December 18, 2021

कुष्ठ रोगियों की पेंशन में हुई वृद्धि

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुष्ठ रोग के कारणविकलांग हुए विकलांगों के कुष्ठावस्था भरण-पोषण अनुदान (कुष्ठावस्था पेंशन) की दर में वृद्धि के संबंध में पारित शासनादेश

Friday, December 17, 2021

उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों की पेंशन की बढ़ोत्तरी

उत्तर प्रदेश सरकार विकलांग भरण पोषण ( विकलांग ) पेंशन के अनुदान दर की वृद्धि के संबंध में पारित शासनादेश

Tuesday, December 14, 2021

दिव्यांगजनों हेतु निःशुल्क मोटराइज़्ड ट्रायसाइकिल हेतु आवेदन आमंत्रित

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगजनों हेतु निःशुल्क मोटराइज़्ड ट्रायसाइकिल के लिए आवेदन हेतु नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर आवेदन करें

https://hwd.uphq.in/Home


Saturday, December 4, 2021

पैरालंपिक और ओलंपिक साथ-साथ क्यों नहीं


 

Persons with Disability in Hindu Mythology

पूरा लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लींक पर क्लिक करें

👇

Persons with Disability in Hindu Mythology 

दिव्यांग बालिकाओं को ₹200 प्रति माह स्टाइपेंड


 

डॉ शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय परिसर में कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित

कृत्रिम उपकरण कृत्रिम पैर एवं कैलिपर की निःशुल्क व्यवस्था


 

दिव्यांगजन का उत्थान कैसे हो ?

 

साभार : प्रहलाद राय

दिव्य तकनीकी

 जिन्दगी में चुनौतियां कम नहीं होतीं। ऐसे में किसी को देखने में परेशानी होती हो या उंगलियां किसी एक जगह पर रुकती न हों या ऐसी ही कोई दूसरी परेशानी हो तो मुश्किलें ज्यादा बढ़ जाती हैं। इन परेशानियों को हिम्मत से हराया जा सकता है। अब ऐसी टेक्नॉलजी और गैजेट्स भी आ गए हैं जो इस लड़ाई में कारगर हथियार साबित हो रहे हैं। पूरी जानकारी दे रहे हैं बालेन्दु शर्मा दाधीच


WORLD DISABLITY DAY 3 DECEMBER


असिस्टिव और एक्सेसिबल टेक्नॉलजी एक खास तरह की तकनीक है। इसमें असिस्टिव का मतलब है ऐसे गैजेट्स या फीचर या ऐप्लिकेशन जो शारीरिक और मानसिक परेशानियों से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए ही खास तौर पर तैयार किए गए हैं। वहीं एक्सेसिबिलिटी का मतलब है, ऐसी चीजें जो सभी के द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन उनमें अलग से कुछ खास फीचर या क्षमताएं जोड़ी गई हैं जो उन्हें इस्तेमाल के काबिल बनाती हैं। इस तकनीक की मदद से कंप्यूटर, मोबाइल फोन, इंटरनेट आदि को सही ढंग से उपयोग करने की आजादी मिलती है। इसका मकसद यह कि डिसेबल्ड लोग भी डिजिटल उपकरणों के साथ पढ़ाई-लिखाई कर सकें, दफ्तरों में काम कर सकें, चैट कर सकें और चाहें तो मनोरंजन भी कर सकें। वे इनकी मदद से सोशल मीडिया पर भी ऐक्टिव रहते हैं और अपनी राय व्यक्त करते हैं। 


जिनके लिए एक चुनौती है, इस दुनिया को देखना

अगर किसी को देखने में परेशानी है। पूरी तरह न देख सकते हों या कम दिखता हो तो ऐसी तकनीक हैं जिनसे लोगों को काफी मदद मिलती है।


Laptop या Computer में सेटिंग्स


-Ease of Access Center

विंडोज में असिस्टिव सुविधाओं का एक समूह मौजूद है जो सेटिंग्स में ‘ईज ऑफ एक्सेस सेंटर’ नाम की जगह पर दिखाई देगा। यहां पहुंचने के लिए Windows + U दबाएं। चाहें तो सेटिंग्स के जरिए या फिर सर्च बॉक्स में Ease of Access लिखकर दिखने वाले लिंक के जरिए भी यहां पहुंच सकते हैं। यहां पर विंडोज की ऐसी ज्यादातर सुविधाओं के लिंक मौजूद हैं जिनकी जरूरत पड़ सकती है।


-Narrator

डिस्प्ले और माउस के बिना काम करने वाले लोगों के लिए नैरेटर बेहद उपयोगी है। ईज ऑफ एक्सेस सेंटर में मौजूद नैरेटर न सिर्फ स्क्रीन पर दिखने वाले टेक्स्ट बल्कि कंप्यूटर में उभरने वाले नोटिफिकेशन को भी पढ़कर सुनाता है। दृष्टिहीन और बहुत कमजोर नजर वाले लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। इसे ऐक्टिव करने के कई तरीके हैं:

1. Ease of Access Center में दिखने वाले Narrator को दबाएं।

2. टास्कबार के सर्च बॉक्स में Narrator लिखने पर दिखाए जाने वाले लिंक को क्लिक करें।


क्या करता है नैरेटर

नैरेटर टूल एक बॉक्स के रूप में खुलता है जिसे Minimize किया जा सकता है। अब आप जिस दस्तावेज, वेब पेज या विंडो पर काम कर रहे हैं, वहां नैरेटर उपलब्ध होगा। यह पुरुष और स्त्री, दोनों की आवाजों में बोल सकता है और इन आवाजों से किसी एक का चुनाव आप खुद कर सकते हैं।

-नैरेटर ज्यादातर सॉफ्टवेयरों में मौजूद टेक्स्ट को पढ़कर सुना सकता है, जैसे वर्ड, एक्सेल और पावरपॉइंट। इतना ही नहीं, वह वेबसाइटों की सामग्री को भी पढ़ सकता है।

-नैरेटर की बहुत-सी कीबोर्ड कमांड हैं जिनका इस्तेमाल करके बहुत तेजी से अपनी इच्छा के लिंक या जगह तक पहुंच सकते हैं।

- नैरेटर की कमांड के जरिए एमएस वर्ड की फाइल का भी मनचाहे ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं। मसलन, सिर्फ शीर्षकों को सुनना या सिर्फ पैराग्राफ को सुनना, किसी शब्द की स्पेलिंग सुनना या फिर पूरी की पूरी फाइल के टेक्स्ट को सुनना।

नैरेटर के प्रमुख कमांड्स

-नैरेटर को शुरू या बंद करें: Windows + Enter 

- नैरेटर की सारी कमांड्स जानने के लिए: Caps Lock + F1  

                        

Scan Mode

नैरेटर में स्कैन मोड भी आता है, इसके कमांड्स ज्यादा आसान हैं। इसे ऐक्टिव करने के लिए Caps Lock + Space बटन दबाएं। स्कैन मोड ऐक्टिव होने पर की-बोर्ड के अप-डाउन और लेफ्ट-राइट बटनों के जरिए ही अपने दस्तावेजों में आगे-पीछे बढ़ सकते हैं। अगर कोई बटन, लिंक आदि दबाना चाहे या कोई ऐप्लिकेशन खोलना चाहे तो स्पेस बटन या एंटर बटन का इस्तेमाल कर सकता है। 


-Magnifier

यह टूल स्क्रीन पर दिखने वाली हर चीज को बड़े आकार में दिखाता है, भले ही वह टेक्स्ट हो, चित्र हो, विडियो हो या कुछ और। यह ऐसा लगेगा कि जैसे अपने हाथ में एक पावरफुल लेंस लेकर कंप्यूटर की स्क्रीन को देख रहे हैं। अगर किसी की आंखें बहुत ज्यादा कमजोर हैं तो इससे मुश्किलें काफी आसान हो सकती हैं। मैग्निफायर भी नैरेटर की ही तरह विंडोज के Ease of Access Center का हिस्सा है। इसे शुरू करने के तरीके:


1.Windows + Plus की के जरिए या

2. Control Panel में Ease of Access Center में मौजूद Magnifier लिंक के जरिए या

3. टास्कबार के सर्च बॉक्स में Magnifier लिखें। अब दिखने वाले लिंक को क्लिक करें।


मैग्नीफायर के तीन अलग-अलग रूप हैं

-Full Screen Mode: इ इस मोड में कंप्यूटर की पूरी स्क्रीन का आकार बड़ा करके दिखाया जाता है।

- Lens Mode:  इस मोड में स्क्रीन पर चौकोर आकार का एक लेंस दिखता है और आपका माउस स्क्रीन पर जहां-जहां जाता है, उस हिस्से को लेंस के भीतर बड़े आकार में दिखाया जाता है। आप चाहें तो लेंस का आकार घटा-बढ़ा सकते हैं।

- Docked Mode: इसका मतलब एक ऐसे लेंस से है जो स्क्रीन के एक तरफ चिपका (डॉक्ड) रहता है- ऊपर, नीचे, दाएं या बाएं। माउस करसर के आसपास मौजूद टेक्स्ट या चित्रों को बड़े आकार में दिखाया जाता है। 

टिप: अगर आप सामने दी गई चीजों को और बड़ा या छोटा करना चाहते हैं तो Windows + Plus या Windows + Minus बटन का प्रयोग करें।


-High Contrast

कलर ब्लाइंडनेस का शिकार लोगों या बहुत कमजोर नजर वाले लोगों को ज्यादा रंगीन या विविधतापूर्ण तस्वीरों को देखने में तकलीफ होती है। विंडोज में हाई कंट्रास्ट का प्रयोग कर अपनी स्क्रीन को गिने-चुने सामान्य रंगों या ब्लैक एंड वाइट तक सीमित कर सकते हैं और उनके काम करने के लिए अनुकूल माहौल बना सकते हैं। हाई कंट्रास्ट को ऐक्टिव करने के लिए इस तरह आगे बढ़ें:


1. Windows + U की दबाकर Ease of access पर जाएं।

2. वहां लेफ्ट साइड में मौजूद High Contrast लिंक पर क्लिक करें।

3. अब खुलने वाली विंडो में Choose a theme शीर्षक के नीचे दिए बॉक्स को क्लिक करें। इसमें कई विकल्प दिखाए जाएंगे, जिनमें से अपनी सुविधा के लिहाज से कोई एक थीम चुनें। 

ये थीमें हैं: हाई कंट्रास्ट नंबर 1, हाई कंट्रास्ट नंबर 2, हाई कंट्रास्ट ब्लैक और हाई कंट्रास्ट व्हाइट। थीम चुनने के बाद Apply बटन दबाएं।

4. कंप्यूटर स्क्रीन के रंग तुरंत उस थीम के हिसाब से बदल जाएंगे।

- Mouse: : जिनकी नजरें कमजोर हैं, उन्हें माउस का कर्सर देखने या उसकी रफ्तार को समझने में दिक्कत आ सकती है, ऐसे लोग पहले Windows + U दबाएं, फिर लेफ्ट साइड में मौजूद Mouse में जाकर अपनी जरूरत के हिसाब से माउस कर्सर का आकार बढ़ा-घटा सकते हैं या उसकी मोटाई को भी बदल सकते हैं। वे चाहें तो जहां रंगीन माउस का चित्र दिया गया है वहां से किसी रंग का चुनाव कर सकते हैं। तब माउस पॉइंटर का आकार बड़ा होने के साथ-साथ रंगीन भी दिखाई देगा। इससे माउस पाइंटर को पहचानना आसान हो जाएगा।

-Cursor: जैसे आपने माउस पाइंटर का आकार बढ़ाया उसी तरह से टेक्स्ट करसर को भी मोटा या पतला किया जा सकता है और उसका रंग बदला जा सकता है। इसके लिए Ease of Access Center में लेफ्ट साइड में Cusor' बटन पर क्लिक करें। अब वहां नीचे दिए स्लाइडर को राइट साइड में जितना बढ़ाएंगे, टेक्स्ट करसर की मोटाई उतनी ही बढ़ जाएगी।

- Office Theme: कलर ब्लाइंडनेस से पीड़ित लोगों को स्क्रीन का सफेद रंग परेशान कर सकता है। वे वर्ड, एक्सेल या पावरपॉइंट जैसे सॉफ्टवेयरों के इंटरफेस और वर्क एरिया का रंग बदलने के लिए थीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्हें स्लेटी रंग की थीम काफी अनुकूल महसूस होगी। पूरी थीम न बदलना चाहें तो आप सिर्फ बैकग्राउंड कलर भी बदल सकते हैं। ऑफिस के नए संस्करणों (ऑफिस 365, ऑफिस 2016, ऑफिस 2019 और ऑफिस 2021) में इन सुविधाओं को ऐक्टिव करने के लिए File > Account > Office Theme या Office Background में जाएं और मनचाहे रंग को चुन लें।

- Keyboard शॉर्टकट:  कोई भी ऑफिस ऐप्लिकेशन (वर्ड, एक्सेल, पावरपॉइंट आदि) खोलकर अपने कंप्यूटर की Alt की को कुछ पल के लिए दबाएं। ऑफिस के रिबन मेनू में कुछ अक्षर हाइलाइट होकर दिखाई देंगे। ये की-बोर्ड शॉर्टकट हैं जिनका इस्तेमाल Alt की के साथ करते हुए माउस के बिना भी काम कर सकते हैं। जैसे M की को दबाएंगे मार्जिन ऑप्शन खुल जाएगा।


मोबाइल में Settings


iPhone या iPad में

इसके Accessibility सेक्शन में कुछ दूसरे फीचर भी मिलेंगे, जैसे ज़ूम करने की सुविधा, डिस्प्ले और टेक्स्ट साइज को कस्टमाइज करने की सुविधा, मोशन को कंट्रोल करने की सुविधा ताकि स्क्रीन पर आने वाले तेज रफ्तार एनिमेशन आपको परेशान न करें। 

यहां पर वॉयस ओवर नाम का स्क्रीन रीडर उपलब्ध है। इसे ऐक्टिव करने के लिए:

पहले Settings में और फिर थोड़ा नीचे स्क्रॉल करके Accessibility में जाएं। अब VoiceOver पर क्लिक करें।

नई विंडो में दिखने वाले ऑन-ऑफ बटन को टैप करके वॉयस ओवर को ऐक्टिव कर लें।

अगर उसे बंद करना हो तब भी यही प्रक्रिया अपनाएं। जल्दी-जल्दी डबल टैप करके ऑन-ऑफ बटन को ऑफ कर दें।

Seeing AI:

यह माइक्रोसॉफ्ट का ऐप्लिकेशन है, हालांकि जिसे सिर्फ आईफोन और आईपैड के लिए जारी किया गया है, एंड्रॉयड मोबाइल के अभी नहीं। यह दृष्टिहीनों के लिए एक तरह से कैमरे का काम करता है जो कुछ भी मोबाइल के कैमरे के सामने हो, उसके बारे में बोल कर बताता है।  यह आपके दस्तावेजों को पढ़ सकता है। आसपास मौजूद लोगों के बारे में बता सकता है, करंसी नोट पहचान सकता है, हैंडराइटिंग भी पढ़ सकता है, रंगों को पहचान सकता है, बार कोड पढ़कर डिस्क्रिप्शन सुना सकता है और आपके आसपास के माहौल के बारे में भी जानकारी दे सकता है। कम नजर वालों के लिए यह बेहद उपयोगी है। इसे इस्तेमाल करने के लिए:  ऐप स्टोर पर जाकर सर्च में Seeing AI ऐप सर्च करें। ऐप मिल जाने पर इंस्टॉल करें। अब ऐप को खोलें और उसमें दिए गए बटनों का इस्तेमाल करें। अगर कोई दस्तावेज पढ़ना है तो शॉर्ट टेक्स्ट बटन दबाएं। ऐप उस दस्तावेज को पढ़कर सुनाने लगेगा। इससे काफी मदद मिल जाती है।


Android मोबाइल में

जिस तरह विंडोज में नैरेटर से स्क्रीन रीडर आता है उसी तरह से एंड्रॉयड में 'टॉक बैक' नामक सुविधा उपलब्ध है। यह आपकी स्क्रीन पर मौजूद टेक्स्ट और तस्वीरों के बारे में बोलता है।

1. Talk Back चालू या बंद करने के लिए:

अपने स्मार्टफोन में Settings खोलें (किसी-किसी मोबाइल में इसके बाद Additional Settings में जाना होगा)।

यहां पर नीचे स्क्रॉल करके Accessibility चुनें और फिर Talk Back।

Talkback बटन को off से on

अब फोन की स्क्रीन को पढ़कर सुनाया जाने लगेगा।

2. एंड्रॉयड पर फॉन्ट का आकार बढाएंः

अपने फोन में Settings खोलें।

पहले Accessibility और फिर Text and display पर टैप करें 

फिर Font size पर टैप करें। 

3. एंड्रॉयड पर मैग्निफायरः

स्क्रीन पर सभी चीजों को बड़े आकार में देखने के लिए मैग्निफायर का इस्तेमाल करें। इसके लिए Settings में जाएं: पहले Accessibility और फिर Magnification पर टैप करें। 

अब इन तीन में से एक को चुनें जिसका बाद में आप एक कमांड के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे: n Accessibility Button   n Hold Volume Keys n Triple-Tap Screen। इनमें से जिस विकल्प को आप चुनेंगे, आगे उसका इस्तेमाल करके मैग्निफायर को चालू या बंद कर सकेंगे। बेहतर है कि दूसरा विकल्प चुनें जो आसान है। इसके तहत सिर्फ दोनों वॉल्यूम-की को कुछ सेकंड दबाकर रखना है।


जिन्हें सुनने में है दिक्कत 

ऐसे लोग जिन्हें सुनने की परेशानी है, वे कंप्यूटर के संदेशों को ध्वनि संकेतों की जगह टेक्स्ट संदेशों के रूप में देख सकते हैं। मिसाल के तौर पर, जब विंडोज शुरू होती है तो एक खास आवाज आती है। इसी तरह जब किसी डॉक्यूमेंट के प्रिंट होते समय भी ध्वनि संकेत आते हैं। अपने कंप्यूटर पर ध्वनि संकेतों को टेक्स्ट संदेशों में बदलने के लिए इस तरह आगे बढ़ें:

अब जब भी आपके सिस्टम में कोई आंतरिक ध्वनि आएगी तब आपकी स्क्रीन एक बार फ्लैश होगी। आप समझ जाएंगे कि कंप्यूटर में कोई आंतरिक संकेत आया है।

1. Settings> Ease of Access Center>Audio पर जाएं

2. अब Show Audio Alert Visually पर क्लिक करें

3. वहां दिए ऑप्शंस में से किसी एक को चुनें, जैसे Flash the active window


माइक्रोसॉफ्ट Teams में लाइव कैप्शन

अगर आप माइक्रोसॉफ्ट टीम्स पर किसी विडियो कॉल को अटेंड कर रहे हैं तो लाइव कैप्शंस की सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। अब लोगों द्वारा कही जाने वाली बातें आपको स्क्रीन पर लिखी हुई दिखेंगी जिन्हें आप पढ़ सकते हैं। इसके लिए ऐसा करें:

- विडियो कॉल के दौरान राइट साइड ऊपर तीन बिंदुओं वाले सेटिंग्स में जाएं

- अब खुलने वाले मेनू में लाइव कैप्शंस पर क्लिक करें।

-लोगों द्वारा कही गई बातें कैप्शन के रूप में स्क्रीन पर दिखाई देने लगेंगी। हर कैप्शन के साथ उसे बोलने वाले व्यक्ति का नाम भी दिखाई देगा। 


एंड्रॉयड में लाइव कैप्शन

-अपने वॉल्यूम बटन को दबाएं।

- अब वॉल्यूम कंट्रोल दिखाई देंगे। इनमें Live Caption Subtitles पर टैप करें।

-अब आपके स्मार्टफोन में चलने वाले वीडियो के नीचे कैप्शन लिखे हुए दिखाई देने लगेंगे।


हाथों से जुड़ी दिक्कतें होने पर 

Dictate

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के नए संस्करण या ऑफिस 365 में Home टैब में डिक्टेट बटन दिया गया है। इस पर माइक्रोफोन का निशान बना है। इसे क्लिक करें और बोलना शुरू कर दें। आपकी बातें सामने मौजूद डॉक्यूमेंट में टाइप होने लगेंगी। आप चाहें तो बटन को क्लिक करने के बाद दिखने वाले सेटिंग्स आइकन (गियर) पर क्लिक करके अपनी बोली हुई भाषा को (हिंदी समेत) बदल भी सकते हैं।

On-Screen Keyboard

जिन लोगों की उंगलियां कंपकंपाती हैं या जिन्हें सामान्य की-बोर्ड से टाइप करने में दिक्कत होती है, वे विंडोज में मौजूद ऑन स्क्रीन की-बोर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपकी स्क्रीन पर उभरने वाला की-बोर्ड है, जिसका इस्तेमाल माउस के जरिए टाइप करने के लिए किया जा सकता है। जिन्हें माउस के बटन दबाने में भी दिक्कत होती है, वे इसमें ऐसी सेटिंग्स कर सकते हैं कि किसी की पर माउस को कुछ देर तक स्थिर रखने भर से वह अक्षर टाइप हो जाए। ऑन स्क्रीन की-बोर्ड में एकाध अक्षर टाइप करने पर पूरे शब्द भी सुझाए जाते हैं जो क्लिक करने पर टाइप हो जाते हैं। जाहिर है कि ऑनस्क्रीन की-बोर्ड उनका अच्छा सहयोगी है।


ऑन स्क्रीन कीबोर्ड को इस तरह ऐक्टिव करें

1. Control Panel/Settings में जाकर Ease of Access > Keyboard पर जाएं।

2. अब Turn on On Screen Keyboard पर क्लिक करें।


-Sticky Keys: आप जानते हैं कि विंडोज में कंट्रोल, शिफ्ट या ऑल्ट कुंजियों के साथ कुछ सामान्य की-बोर्ड को दबाकर शॉर्टकट कमांड्स दी जा सकती हैं, जैसे कंट्रोल + C से सामने सलेक्ट किए गए टेक्स्ट को कॉपी करना। इसी तरह अंग्रेजी के कैपिटल लेटर्स को टाइप करने लिए पहले शिफ्ट की दबानी पड़ती है और उसके बाद संबंधित अक्षर। कमांड शॉर्टकट के रूप में इस्तेमाल करने के लिए जरूरी है कि इन दोनों कुंजियों को तेज रफ्तार से एक साथ दबाया जाए। लेकिन बहुत से बुजुर्गों और डिसेबल्ड लोगों के लिए यही मुश्किल हो जाता है क्योंकि उनकी उंगलियां बहुत धीमी चलती हैं। स्टिकी कीज नामक फीचर का इस्तेमाल कर आप इस अनिवार्यता से मुक्त हो सकते हैं। तब कंट्रोल, शिफ्ट और ऑल्ट कुंजियों को दबाने के बाद दूसरी कुंजी काफी देर बाद दबाए जाने पर भी कमांड सामान्य तरीके से काम करती है। इसे ऐक्टिव करने के लिए Windows + U > Keyboard में जाकर Sticky Keys को सलेक्ट कर लें।

-Toggle Keys: इस फीचर को सक्रिय करने पर कंट्रोल, शिफ्ट या ऑल्ट कुंजियों के दबाने पर एक टोन सुनाई देती है। इसे ऐक्टिव करने के लिए Windows + U > Keyboard में जाकर Toggle Keys को सलेक्ट कर लें।

- Filter Keys: जिनकी उंगलियां कंपकंपाती हैं, टाइप करते समय उनसे एक ही कुंजी के कई बार दब जाने की संभावना रहती है। फिल्टर कुंजी को ऐक्टिव करने पर कंप्यूटर किसी भी अक्षर को सिर्फ एक ही बार टाइप करेगा, बार-बार नहीं।


ऑटिजम / डिस्लेक्सिया

ऑटिज्म में बच्चों के लिए समझना, पढ़ना-लिखना, बोलना मुश्किल होता है। डिस्लेक्सिया में लिखी हुई या टाइप की हुई चीजें सही दिखाई नहीं देतीं। ऐसी ही कुछ और विकलांगताएं भी हैं जो मस्तिष्क के विकास, स्वभाव या सामाजिकता से जुड़ी हुई हैं। ऐसे लोगों के लिए भी तकनीक में अनेक सुविधाएं मौजूद हैं।

Immersive Reader:

नए ऑफिस ऐप्लिकेशनों, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स, वन नोट और एज ब्राउजर आदि में कलर ब्लाइंडनेस और कमजोर नजर वाले लोगों की सुविधा के लिए इमर्सिव रीडर सुविधा दी गई है। इसे ऐक्टिव करने पर आपकी स्क्रीन पर सिर्फ टेक्स्ट रह जाता है और मेन्यू आदि स्क्रीन से हटा लिए जाते हैं ताकि कोई भी चीज आपका ध्यान न बंटा सके। इसे ऐक्टिव करने के लिए View > Immersive Reader पर क्लिक करें। अब स्क्रीन पर बहुत छोटी-सी मेन्यू बार रह जाएगी जिसमें सिर्फ File, Tools और View विकल्प दिखेंगे। अगर टेक्स्ट के अक्षर छोटे हैं तो नीचे दाईं तरफ दिए स्लाइडर को आगे खिसकाकर उनका आकार बढ़ाया जा सकता है। याद रहे, इससे मूल टेक्स्ट की फॉर्मेटिंग में कोई फर्क नहीं पड़ता, सिर्फ स्क्रीन पर दिखाने के लिए टेक्स्ट का आकार जूम किया जाता है।

जैसे आप चाहें तो ऐसी कमांड चुन सकते हैं जिससे सिर्फ एक लाइन का टेक्स्ट दिखाई देगा, बाकी सारा छिप जाएगा। । ऐसा इसलिए ताकि आप और भी ज्यादा अच्छी तरह स्क्रीन पर फोकस कर सकें। आप चाहें तो एक की बजाए तीन या पांच लाइनें भी चुन सकते हैं।

एक और फीचर है अक्षरों के बीच या शब्दों के बीच स्पेस को बढाना। जो लोग फिर भी इस टेक्स्ट को न पढ़ पाएं तो यहां पर उपलब्ध टेक्स्ट को पढ़कर सुनाने की सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं।


हिल-डुल या बोल भी नहीं सकते

माइक्रोसॉफ्ट ने पर्सनल कंप्यूटरों के लिए आई-कंट्रोल नामक सुविधा का विकास किया है जो अपनी आंखों से ही टाइप करने की सुविधा देती है। लेकिन यह सुविधा महज टाइपिंग तक सीमित नहीं है। असल में आप अपनी आंखों से ऐसा ज्यादातर काम कर सकते हैं जो फिलहाल अपनी उंगलियों और माउस के जरिए करते हैं। अगर कोई महज आंखों से देखकर टाइप करना चाहते हैं तो अपने विंडोज-10 कंप्यूटर में इसे एक्टिवेट कर लीजिए। इस सुविधा के लिए एक छोटे-से हार्डवेयर की जरूरत पड़ेगी, जिसे टोबी (Tobii) या आई ट्रैकिंग कहते हैं। यह भारत में भी उपलब्ध है। इसकी कीमत 15 हजार रुपये के लगभग है।

इस हार्डवेयर को डेस्कटॉप या लैपटॉप कंप्यूटर में इंस्टॉल करने के बाद विंडोज के कंट्रोल पैनल में जाना है। यह सिलसिला कुछ यूं चलेगा- Start  > Settings  > Ease of Access  > Eye control पर जाकर Turn on eye control पर क्लिक करें। ऐसा करने पर आपकी स्क्रीन पर लॉन्च पैड ऐक्टिव हो जाएगा। यह स्टार्ट पैनल जैसा ही एप्लिकेशन है जिसमें बहुत सारे आइकन दिखाई देते हैं और किसी आइकन पर कुछ क्षणों के लिए नजरें टिकाकर वही काम कर सकते हैं जो माउस या की-बोर्ड से करते हैं। जैसे विंडोज के स्टार्ट बटन वाले आइकन पर कुछ पल नजर टिकाइए तो स्टार्ट पैनल खुल जाएगा।


कुछ जरूरी गैजेट्स

Smart Cane

आईआईटी दिल्ली ने पूरी तरह या कम दिखने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक स्मार्ट केन (छड़ी) विकसित किया है जो अल्ट्रासोनिक तकनीक का इस्तेमाल करता है और यह तीन मीटर दूर तक मौजूद चीजों के बारे में एक खास वाइब्रेशन के जरिए सचेत कर देता है। सामान्य केन का इस्तेमाल करने वाले दृष्टिबाधित अपने घुटनों तक की ऊंचाई की चीजों को ही छू पाते और समझ पाते हैं लेकिन यह केन उससे ज्यादा ऊंचाई पर आने वाली चीजों, रुकावटों और लोगों के बारे में भी सतर्क कर देता है। इंसान रुकावट के जितना करीब पहुंचता है, वाइब्रेशन उतना ही तेज होता चला जाता है। 

  

Adaptive Controller 

माइक्रोसॉफ्ट ने Xbox पर गेम खेलने के शौकीन डिसेबल्ड लोगों के लिए एक एडेप्टर बनाया है यानी कि गेम खेलने के लिए हाथों में इस्तेमाल की जाने वाली डिवाइस। यह बड़े आकार की है जिसमें दो बड़े-बड़े बटन मौजूद हैं। साथ ही इसके कई अटैचमेंट भी आते हैं जिनका इस्तेमाल हाथों, पांवों, कोहनी आदि से भी किया जा सकता है। इनको गेम में कमांड देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जैसे आगे बढ़ना, पीछे हटना या घूंसा मारना। मतलब यह कि अब आप गेम खेलने के लिए उंगलियों पर निर्भर नहीं हैं बल्कि बहुत-से तरीकों से गेम को कंट्रोल कर सकते हैं।

  

Braille Reader

तिरुवनंतपुरम मेंं इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नॉलॉजी के छात्रों ने एक उपकरण बनाया है जो छपे हुए अक्षरों को ब्रेल लिपि में बदल देता है। इस उपकरण को छपे हुए टेक्स्ट के ऊपर रखा जाता है और उसके बाद इसकी ऊपरी सतह पर ब्रेल के संकेत उभर जाते हैं। जिन्हें देखने में परेशानी है, वे इन संकेतों को अपनी उंगलियों से पढ़ सकते हैं। इसके जरिए किताब या अखबार को भी पढ़ा जा सकता है।  

TurnPlus

बेंगलुरु के बिजनेसमैन आनंद कुतरे ने कारों और दूसरे वाहनों को डिसेबल्ड लोगों के अनुकूल बनाने के लिए एक सिस्टम बनाया है जिसका नाम है- टर्न प्लस। इसके तहत कार की सीट में ऐसा मैकेनिजम फिट किया जाता है कि अब वह फिक्स नहीं रहती बल्कि उसे 90 डिग्री के कोण पर घुमाया जा सकता है। सीट को लेफ्ट या राइट साइड घुमाने पर शारीरिक डिसेबिलिटी से प्रभावित इंसान भी उस पर आसानी से बैठ सकता है और फिर सीट को वापस अपनी जगह पर एडजस्ट कर दिया जाता है। 

#JUSTZINDAGI

#DISABLE

साभार : Sunday NBT



दिव्यांग भी चला सकेगें रेल, रेलवे बोर्ड ने दी हरी झंडी


 

चिढाना, चिढ़ना ...

 

साभार : NBT SUNDAY

(अरुणिमा सिन्हा के जीवन पर आधारित

 
साभार: प्रशांत अग्रवाल जी बरेली वाले


 

दिव्यांग नहीं .......

 *#दिव्यांग_नहीं*


मैं अपने शरीर से लाचार सही,

लोगों की नज़रों में बेकार सही,

फिर भी मैंने अपने जीवन में माना कभी हार नहीं,

क्योंकि मैं दिव्यांग नहीं,,


काँटों की राहों को हमेशा फूलों की सेज समझ कर चला हूँ,

मुश्किलें कितनी भी हों फिर भी मुस्कुराते हुवे बढ़ा हूँ,

क्योंकि मैं बचपन से ही संघर्षों में पला हूँ,

इसलिए मेरी सफलता मेरे लिए कोई महान नहीं,

क्योंकि मैंने कभी खुदको समझा दिव्यांग नहीं,,


ना नेताओं से मेरे भाषण है,

ना राजाओं से सिंघासन हैं,

ना ऊँचे महल की आजमाइश है,

थोड़ा प्यार मिले ये ख्वाहिश है,

मेरे कष्ट अँधेरे को जो दूर करे,

ऐसा दीपक देदो चाँद नहीं,

क्योंकि मैं दिव्यांग नहीं,,


मुझे कड़ी धूप में चलने दो,

थोड़ा ओर परिश्रम करने दो,

मैं पत्थर हूँ चोटें खाने दो,

मुझे मूरत तो बन जाने दो,

मुझे दुनिया को दिखलाने दो,

सबको विश्वास दिलाने दो,

जो आप कर सकते हैं,

मैं वो क्यों नहीं, 

मैं भी इंसा हूँ हैवान नहीं,

क्योंकि मैं दिव्यांग नहीं,,


अभी ना आलस से आराम करेंगे,

जो आगे बढ़ के काम करेंगे,

ओरों के लिए एक मिसाल बनेंगे,

तो सब हमको भी सलाम करेंगे,

मैं उगते कल का सूरज हूँ,

कोई ढलती आज की शाम नहीं,

क्योंकि मैं दिव्यांग नहीं।

साभार: अज्ञात

दिव्यांगजन के सम्बंध में आकंङे - (आज दिनांक 3 दिसम्बर को प्रकाशित) #disabilityawareness

 


Wednesday, February 3, 2021

निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल

1. दिव्यांगता प्रमाण पत्र |
2. निवास प्रमाण-पत्र |
3. आय प्रमाण-पत्र |
4. आधार कार्ड/ अन्य प्रमाण-पत्र संलग्न करें |
5. जाति प्रमाण-पत्र |

नोट :- 1. इस आवेदन पत्र के साथ समस्त संलग्न आवश्यक प्रमाण पत्रों की प्रतिया आवेदनकर्ता द्वारा स्वप्रमाणित कर ही अपलोड करें |
2.
यदि कोई दिव्यांगजन/ व्यक्ति फर्जी अभिलेख गलत या भ्रामक सूचना या अन्य किसी कारण से निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल प्राप्त कर लेता है तो सम्बंधित दिव्यांगजन/व्यक्ति द्वारा प्राप्त की सभी धनराशि/उपकरण की वसूली भू-राजश्व के बकाये की तरह पब्लिक मनी (रिकवरी ऑफ ड्यूस) एक्ट 1965 की धारा-3 की उप धारा (ए)(11) के अंतर्गत की जाएगी व विभाग द्वारा प्रदत्त सुविधाओं/अनुदान को तत्काल रोक दिया जायेगा |
3.
आवेदक की न्यूनतम आयु 16 वर्ष से अधिक होनी चाहिए|
4.
दिव्यांगता का प्रतिशत न्यूनतम 80  %होना चाहिए

 

http://hwd.uphq.in/Home 





प्रवेश प्रारंभ जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट उत्तर प्रदेश

 विद्यार्थी जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं वे Jrdu Chitrakoot अर्थात् जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट उ...